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अक्तूबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Ginni ka sona (Questions & Answers)

गिन्नी का सोना प्रश्नोत्तर मौखिक  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- प्रश्न 1.शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना अलग क्यों होता है? उत्तर-शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना दोनों एक दूसरे से अलग इसलिए होते हैं, क्योंकि जहाँ शुद्ध सोने में किसी प्रकार की मिलावट नहीं होती, वहीं गिन्नी के सोने में थोड़ा-सा ताँबा मिलाया जाता है। मिलावट न होने के कारण शुद्ध सोना थोड़ा कोमल तथा कम चमकदार होता है,  जबकि तांबा मिला होने के कारण गिन्नी का सोना शुद्ध सोने से अधिक चमकदार तथा मजबूत होता है। प्रश्न 2. 'प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट' किसे कहते हैं? उत्तर-'प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट' का अर्थ है - आदर्शों में थोड़ी-सी व्यावहारिकता को मिलाना। वे लोग जो अपने आदर्शों में थोड़ी सी व्यावहारिकता को मिलाकर चलाते हैं, उन्हें लेखक ने प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट कहा है। ऐसे लोग गिन्नी का सोना के समान होते हैं। जैसे गिन्नी के सोने में थोड़ा सा तांबा मिलाकर उसे मजबूत बनाया जाता है, वैसे ही प्रैक्टिकल आइडियलिस्ट अपने आदर्शों में थोड़ी-सी व्यावहारिकता को मिलाकर उन्हें मजबूत और चमकदार बनाते हैं। यहाँ लेखक न

MANUSHYATA (Questions & Answers)

  मनुष्यता  प्रश्न-1. कवि ने कैसी मृत्यु को ‘सुमृत्यु’ कहा है? उत्तर-'सुमृत्यु' का अर्थ है-श्रेष्ठ मृत्यु।  ‘मनुष्यता’ कविता में कवि ने कहा है कि यह संसार नश्वर है। जिस मनुष्य ने इस संसार में जन्म लिया है, उसकी मृत्यु सुनिश्चित है। पर जिस व्यक्ति को उसकी मृत्यु के बाद भी लोग याद करें, उसके कार्यों को अपना आदर्श मानकर उसका अनुसरण करें, उसके लिए आँसू बहाएँ, उन व्यक्ति की मृत्यु ही वास्तव में सुमृत्यु है। कहने का तात्पर्य है कि जो लोग परोपकार, सेवा, बलिदान, त्याग, प्रेम, सहानुभूति, भाईचारा आदि का जीवन जीते हैं तथा जो दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत होते हैं, जो अपने हित से पहले परहित की सोचते हैं तथा जो परोपकार में ही अपना जीवन समर्पित कर देते हैं, उनकी मृत्यु ही ‘सुमृत्यु’ कहलाती है।  प्रश्न-2. उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है ? उत्तर- उदार व्यक्ति की पहचान निम्नलिखित बातों से हो सकती है- 1-उदार व्यक्ति की कथा का सरस्वती भी बखान करती है अर्थात साहित्य एवं इतिहास की पुस्तकों में उसका गुणगान गाया जाता है। 2-ऐसे उदार लोगों को पाकर धरती भी अपने को धन्य मानती है और ऐसे लोगों की एहसानम

PATJHAR ME TOOTI PATTIYAN (jhen ki den)

TOP (Questions & Answers)

 तोप  प्रश्नोत्तर निर्देश-निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए- प्रश्न 1-विरासत में मिली चीजों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर -विरासत में मिली चीजों की बडी सँभाल दो कारणों से होती है। पहला-यह हमें अपने पूर्वजों की परम्पराओं और गौरवशाली इतिहास की जानकारी देती हैं, उससे परिचित कराती हैं।  दूसरा-यह हमें सीख भी देती हैं। यह हमें बताती हैं कि जो गलती हमारे पूर्वजों ने की है, वह हम न दोहराएँ। जैसा कि ‘तोप’ कविता में कंपनी बाग में रखी तोप को दूसरे कारण की वजह से सँभालकर रखा गया है। यह तोप हमें सीख देती रहती है कि इसे देखकर हम हमेशा यह समझते रहें कि हमारे पूर्वजों से कब, क्या चूक हुई और उसके क्या गंभीर परिणाम भुगतने पड़े। यह हमें सचेत करती है कि हम उन गलतियों को न दोहराएँ। प्रश्न 2 -इस कविता से आपको तोप के बारे में क्या जानकारी मिलती है? उत्तर -इस कविता से हमें तोप के विषय में यह जानकारी मिलती है कि यह तोप ईस्ट इंडिया कंपनी ने बनाई थी। इसका प्रयोग उन्होंने 1857 की क्रांति के समय किया था। इस क्रांति में यह ब्रिटिश फौज के लिए एक शक्तिशाली हथियार थी, जिसकी सहायता से अंग्रेज़ों ने हमा

KAR CHALE HUM FIDA (Questions & Answers)

 कर चले हम फ़िदा प्रश्नोत्तर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए − प्रश्न 1-क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है? उत्तर-हाँ, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। यह गीत सन् 1962 के भारत-चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित है। चीन ने तिब्बत की ओर से आक्रमण किया और तब भारतीय वीरों ने उस आक्रमण का मुकाबला बहुत ही वीरता एवं धीरता से किया था। बहुत कठिन और विपरीत परिस्थितियों में भी सैनिकों ने अपनी हिम्मत नहीं खोई थी। 1962 के इसी युद्ध की पृष्ठभूमि पर चेतन आनंद ने ‘हकीकत’ फिल्म बनाई थी। यह गीत इसी फिल्म के लिए सुप्रसिद्ध शायर ‘कैफ़ी आज़मी’ द्वारा लिखा गया था।  प्रश्न 2-‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’-इस पंक्ति में ‘हिमालय’ किसका प्रतीक है? उत्तर-‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’-इस पंक्ति में ‘हिमालय’ भारत के मान-सम्मान का प्रतीक है। उत्तर दिशा में गर्व से खड़ा हिमालय भारत के मस्तक का ताज है। भारत-चीन युद्ध हिमालय की बर्फ से ढकी इन्हीं चोटियों पर लड़ा गया था। भारत के वीर सैनिक हर पल देश की रक्षा हेतु बलिदान देने के लिए तत्पर रहते हैं। इस युद्ध में भी भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान

AATMTRAN (Questions & Answers)

 आत्मत्राण प्रश्नोत्तर (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- प्रश्न 1. कवि किससे और क्या प्रार्थना कर रहा है? उत्तर-यहाँ कवि अपने ईश्वर, अपने आराध्य देव से प्रार्थना कर रहा है। वह ईश्वर से यह प्रार्थना कर रहा है कि उनका प्रभु उन्हें इतनी शक्ति प्रदान करे कि वह जीवन में आने वाली हर मुश्किल का सामना हिम्मत और धैर्य से कर सकें। यहाँ पर कवि साधारण प्रार्थना की तरह अपने प्रभु से यह नहीं कह रहा कि वे उसे हर मुसीबत से बचाए रखें, वरन् वह तो यह प्रार्थना कर रहा है कि हे प्रभु! जीवन में चाहे कितनी भी मुसीबतें आएँ, बस आप मुझे इतना साहस, शक्ति एवं दृढ़ता प्रदान करें कि मैं उन मुसीबतों से घबराऊँ नहीं, बल्कि उनसे संघर्ष करूँ, उनका डटकर सामना करूँं। प्रश्न 2. ‘विपदाओं से मुझे बचाओ, यह मेरी प्रार्थना नहीं’ - कवि इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है? उत्तर-कवि इस पंक्ति के द्वारा यह कहना चाहता है कि हे परमात्मा! मैं आपसे कदापि यह नहीं कहता कि आप मेरे जीवन को संघर्षरहित कर दें। मेरी यह प्रार्थना भी नहीं है कि आप मेरे ऊपर कोई मुसीबत, कोई कष्ट आने ही न दें। मेरी तो आपसे बस यही प्रार्थना हैे कि मैं जीवन

KARTOOS (Questions & Answers)

 कारतूस प्रश्नोत्तर मौखिक निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- प्रश्न 1.कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था? उत्तर-कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में वजीर अली की गिरफ्तारी के लिए लगा हुआ था। कर्नल कालिंज को यह लग रहा था कि वजीर अली अवश्य ही जंगल में कहीं-न-कहीं छिपा होगा। बरसों से वह कर्नल की ं फौज की आँखों में धूल झोंक रहा था। यद्यपि वह इन्हीं जंगलों में घूम रहा था। प्रश्न 2. वजीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे? उत्तर-सिपाही वजीर अली से इसलिए तंग आ चुके थे, क्योंकि उन्होंने वजीर अली को गिरफ्तार करने के लिए हफ्तों से जंगल में डेरा डाल रखा था, परंतु लाख कोशिशों के बावजूद भी वजीर अली पकड़ा नहीं जा सका था। अतः सिपाही अपने परिवार से दूर जंगल की खतरनाक स्थिति में रहते-रहते परेशान हो चुके थे। प्रश्न 3 कर्नल ने सवार पर नजर रखने के लिए क्यों कहा? उत्तर-कर्नल ने लेफ्टीनेंट को सवार पर नज़र रखने के लिए इसलिए कहा, ताकि वह यह देख सके कि सवार किस दिशा की तरफ जा रहा है और उसकी गतिविधियों की जाँच हो सके। यदि सवार उन्हीं की तरफ़ आ रहा है, तो वे पहले से ही सावधान हो जाएँ। प्रश

PARVAT PRADESH ME PAVAS (Questions & Answers)

 पर्वत प्रदेश में पावस प्रश्नोत्तर (क ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -ः प्रश्न 1-ः पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं ? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। उत्तर-ः वर्षा ऋतु में मौसम हर पल बदलता रहता है। कभी तेज बारिश आती है तो कभी मौसम साफ हो जाता है। पर्वत अपनी पुष्प रूपी आँखों से अपने चरणों में स्थित तालाब में अपने आप को देखता हुआ प्रतीत होता है। बादलों के धरती पर आ जाने के कारण ऐसा लगता है जैसे पर्वत पारे के पंख लगाकर उड़ गए हों। झरने बादलों से ढक जाते हैं, बस उनकी आवाज़ें सुनाई पड़ती हैं। बादलों को नीचे आते देखकर ऐसा लगता है जैसे आसमान धरती पर टूट पड़ा हो। बादल धुएँ की तरह लग रहे हं,ै जिसके कारण लग रहा है कि तालाब में आग लग गई हो। प्रकृति के इस रूप को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो इंद्र बादलों के विमान में बैठकर अपना जादू बिखेर रहे हैं।  प्रश्न  2-ः ‘मेखलाकार ‘ शब्द का क्या अर्थ है ? कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ क्यों किया है? उत्तर -ः ‘मेखलाकार ‘ शब्द का अर्थ है - करघनी के आकार की। करघनी अर्थात् महिलाओं के द्वारा कमर में पहना जाने वाला आभूषण। कवि ने यहाँ इस शब्द क

TANTARA VAMEERO KATHA (Questions and Answers)तताँरा-वामीरो कथा

 तताँरा-वामीरो कथा प्रश्नोत्तर (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25 - 30 शब्दों में) लिखिए- प्रश्न 1 - तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था? उत्तर - तताँरा हमेशा अपनी पारम्परिक (ट्रेडीशनल) पोशाक ही पहनता था और हमेशा अपनी कमर में एक लकड़ी की तलवार को बाँधे रखता था। वह न तो तलवार को अपने से अलग करता था, न ही उसका प्रयोग कभी भी किसी के सामने करता था। परंतु लोगों का मानना था कि वह तलवार भले ही लकड़ी की है, परंतु उसमें अनोखी दैवीय शक्तियाँ हैं। लोगों ने उसके साहस के अनेक कारनामे सुन रखे थे। लोगों का ऐसा विश्वास था कि उन साहसपूर्ण कारनामों के पीछे उसकी इसी तलवार का हाथ है। इसलिए लोगों का यह विश्वास था कि तलवार में अनोखी शक्ति है। प्रश्न 2 - वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया? उत्तर - जब वामीरो ने अपने सामने एक सुंदर और अनजान युवक को देखा तो वह कुछ हड़बड़ा गई। वह अपना गाना अधूरा छोड़कर रुक गई। उसे इस तरह गाना अधूरा छोड़ते देख तताँरा ने विनम्र तरीके से वामीरो से पूछा कि उसने अचानक इतना सुरीला और अच्छा गाना अधूरा ही क्यों छोड़ दिया? वह अपना गाना पूरा सूनाए। जब बार-बार तताँरा गाना

Article निंदक नियरे राखिए

  निंदक नियरे राखिए यह पंक्ति संत कवि कबीरदास जी के एक प्रसिद्ध दोहे की है। पूरा दोहा इस प्रकार है- ‘‘निंदक नियरे राखिए, आँगन कुटी छवाय। बिनु पाणि साबण बिना, निरमल करै सुभाय।।’’ अर्थ-कबीर दास जी कहते हैं कि हमें हमारी निंदा करने वाले व्यक्ति से बैर नहीं पालना चाहिए, बल्कि उसे अपनी कुटिया में, अपने घर के आँगन में अर्थात् अपने समीप रखना चाहिए। निंदक व्यक्ति के कारण बिना पानी और बिना साबुन के हमारा स्वभाव निर्मल बन जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि कबीर ने ऐसी बात क्यों कह दी? भला जो व्यक्ति हमारी बुराई कर रहा हो, उससे हमारा सुधार कैसे हो सकता है? तो मैं आपको बता दूँ कि कबीर दास जी महान समाज-सुधारक थे। उनकी हर एक साखी उनके अनुभव का आईना है। उनकी हर एक बात में गूढ़ अर्थ निहित है। कबीर दास जी ने एकदम सही कहा है कि निंदक व्यक्ति बिना किसी खर्च के हमारा स्वभाव अच्छा बना देता है। सोचिए, हमें अपने तन की स्वच्छता के लिए साबुन एवं पानी आदि की आवश्यकता पड़ती है, जबकि मन को स्वच्छ करना इतना कठिन होता है, फिर भी उसे हम बिना किसी खर्च के अत्यंत सरलता से स्वच्छ कर सकते हैं। बस, इसके लिए हमें निंदक व्यक्ति

अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले (प्रश्नोत्तर)

 

Jab cinema ne bolna sikha (questions answers)