सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

TANTARA VAMEERO KATHA (Questions and Answers)तताँरा-वामीरो कथा

 तताँरा-वामीरो कथा

प्रश्नोत्तर

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25 - 30 शब्दों में) लिखिए-

प्रश्न 1 - तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?

उत्तर - तताँरा हमेशा अपनी पारम्परिक (ट्रेडीशनल) पोशाक ही पहनता था और हमेशा अपनी कमर में एक लकड़ी की तलवार को बाँधे रखता था। वह न तो तलवार को अपने से अलग करता था, न ही उसका प्रयोग कभी भी किसी के सामने करता था। परंतु लोगों का मानना था कि वह तलवार भले ही लकड़ी की है, परंतु उसमें अनोखी दैवीय शक्तियाँ हैं। लोगों ने उसके साहस के अनेक कारनामे सुन रखे थे। लोगों का ऐसा विश्वास था कि उन साहसपूर्ण कारनामों के पीछे उसकी इसी तलवार का हाथ है। इसलिए लोगों का यह विश्वास था कि तलवार में अनोखी शक्ति है।

प्रश्न 2 - वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?

उत्तर - जब वामीरो ने अपने सामने एक सुंदर और अनजान युवक को देखा तो वह कुछ हड़बड़ा गई। वह अपना गाना अधूरा छोड़कर रुक गई। उसे इस तरह गाना अधूरा छोड़ते देख तताँरा ने विनम्र तरीके से वामीरो से पूछा कि उसने अचानक इतना सुरीला और अच्छा गाना अधूरा ही क्यों छोड़ दिया? वह अपना गाना पूरा सूनाए। जब बार-बार तताँरा गाना पूरा करने की ज़िद करने लगा, तो वामीरो ने अपने आपको सँभालते हुए नकली नाराजगी दिखाते हुए बेरुखी से उत्तर दिया कि पहले यह बताओ कि तुम कौन हो और इस तरह से बार-बार गाना गाने की ज़िद क्यों कर रहे हो? तुम इस गाँव के भी नहीं हो, फिर मैं तुम्हारे इस तरह के अनुचित प्रश्नों का उत्तर क्यों दूँ?

प्रश्न 3 - तताँरा - वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?

उत्तर - तताँरा - वामीरो के गाँव में यह प्रथा थी कि एक गाँव का युवक या युवती दूसरे गाँव के युवक या युवती से विवाह नहीे कर सकते। दोनों की त्यागमयी मृत्यु के बाद निकोबारियों ने अपनी परम्परा को बदला और दूसरे गाँव में भी विवाह सम्बन्ध बनने लगे। तताँरा - वामीरो की इस त्यागमयी मृत्यु से एक बुरी रूढ़ि समाप्त हुई और निकोबारियों के जीवन में एक सुखद बदलाव आया।

प्रश्न 4 - निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?

उत्तर - तताँरा एक भला और सबकी मदद करने वाला व्यक्ति था। वह न सिर्फ़ अपने गाँव वालों की मदद करता, बल्कि पूरे द्वीप पर कोई भी मुसीबत में होता, तो वह हमेशा सबकी सहायता के लिए तैयार रहता था। जब भी कोई मुसीबत में होता तो हर कोई उसी को याद करता था और वह भी भागा -भागा वहाँ उनकी मदद करने के लिए पहुँच जाता था। वह बलशाली था और उसका व्यक्तित्व भी अत्यंत आकर्षक था। साथ ही उसके अच्छे व्यवहार एवं उदार स्वभाव के कारण भी सब उसके करीब रहना पसंद करते थे। 

 (ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50 -60 शब्दों में ) दीजिए -

प्रश्न 1 -निकोबार द्वीप समूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास था?

उत्तर - निकोबारियों का विश्वास था कि पहले अंदमान और निकोबार एक ही द्वीप थे। इनके अलग-अलग होने के पीछे तताँरा-वामीरो की एक लोककथा प्रचलित है। दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे, परंतु दोनों अलग-अलग गाँव के थे। उस समय के रीति-रिवाजों के अनुसार अलग-अलग गाँव के निवासियों में विवाह सम्बन्ध संभव नहीं था, क्योंकि उस समय वहाँ पर यह परंपरा थी कि एक गाँव का युवक या युवती दूसरे गाँव के युवक या युवती से विवाह नहीं कर सकते। जब लोगांे को तताँरा और वामीरो के प्रेम का पता चला तो वे तताँरा-वामीरो को बुरा कहने लगे। वामीरो के लगातार रोने और लोगों के ताना मारने के कारण तताँरा को अत्यधिक क्रोध आ गया। उसने अपनी लकड़ी की तलवार पूरी शक्ति से धरती में गाड़ दी और दूर तक खींचता हुआ चला गया। जहाँ उसने लकीर खींची थी, वहाँ गहरी दरार होने लगी और धरती दो टुकड़ों में बँट गई। एक टुकड़ा लिटिल अंदमान और दूसरा कार निकोबार कहलाया। 

प्रश्न 2 - तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया ? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिये।

उत्तर - तताँरा दिन भर की कठोर मेहनत करने के बाद समुद्र के किनारे घूमने के लिए निकल पड़ा। उस समय शाम हो रही थी। सूरज समुद्र में डूब रहा था। ऐसा लग रहा था मानो समुद्र में धरती और आसमान आपस में मिल रहे हों। समुद्र से ठंडी-ठंडी हवाएँ आ रही थीं। शाम के समय पक्षियों की जो चहचहाहटें होती हैं, वे भी धीरे -धीरे शांत हो रही थीं। तताँरा का मन भी शांत था। अपने ही विचारों में खोया हुआ तताँरा समुद्री बालू पर बैठ कर सूरज की आखिरी रंग-बिरंगी किरणों को समुद्र के पानी पर डूबते हुए देख रहा था। बीच-बीच में लहरों का संगीत सुनाई पड़ रहा था। पूरा वातावरण बहुत ही सुंदर और मोहक लग रहा था।

प्रश्न 3 - वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?

उत्तर - वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में बहुत परिवर्तन आ गया था। उसके गहरे और शांत जीवन में ऐसा पहली बार हुआ था, जब वह इतना बेचैन हुआ था। वह अपने इस व्यवहार पर आश्चर्यचकित तो था, परंतु साथ ही साथ उत्सुक भी था। वह व्याकुल होकर शाम होने का इंतज़ार करता रहता। वह दिन ढलने से बहुत पहले ही लपाती गाँव की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच जाता था, जहाँ वह वामीरो से मिला करता था। वामीरो के इंतजार में उसे हर एक पल बहुत अधिक लम्बा लगता और उसका पूरा दिन पहाड़ की तरह मुश्किल से कटता। 

प्रश्न 4 - प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किये जाते थे?

उत्तर - प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए अनेक कार्यक्रम होते थे, जिनमें मेले, पशु-पर्व, नाच-गाने और खेल-कूद आदि के आयोजन होते थे। पाठ के अनुसार अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में मनोरंजन के लिए ‘पशु पर्व‘ का आयोजन किया जाता था। पशु पर्व में हट्टे-कट्टे और ताकतवर पशुओं का प्रदर्शन किया जाता था। इसके अलावा ताकतवर पशुओं से युवकों की शक्ति परखने की अनेक प्रतियोगिताएँ भी होती थीं, जिनमें पशुओं के साथ युवकों को लड़वाया जाता था। साल में एक बार मेला लगता था और सभी गाँव के लोग इसमें भाग लेने आते थे। प्रतियोगिता के बाद नाच -गाना और फिर भोजन का प्रबंध भी किया जाता था।

प्रश्न 5 - रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ लगने लगें, तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर - जब कोई नियम, कायदा या कानून लंबे समय तक चलते रहें तो वे रूढ़ियाँ कहलाते हैं। रूढ़ियाँ और बंधन समाज को सही प्रकार से चलाने और अनुशासित करने के लिए बनाए जाते हैं। ये नियम समाज की मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार बनाए जाते हैं। पर परिस्थितियाँ समय के अनुसार बदलती रहती हैं, इसलिए यह आवश्यक नहीं कि यह नियम हर काल और परिस्थितियों में सही रहें। अतः बदलती परिस्थितियों के अनुसार इन नियमों में भी बदलाव करना आवश्यक है, नही ंतो यह उन्नति की राह में बंधन बन जाते हैं। अतः जब इनके कारण मनुष्यों की भावनाओं को ठेस पहुँचने लगे और ये सब बोझ लगने लगें तो उनका टूट जाना ही अच्छा होता है। तताँरा - वामीरो की कहानी में हमने जाना अंडमान-निकोबार में कभी यह नियम बना होगा कि एक गाँव के लोग कि दूसरे गाँव में वैवाहिक संबंध नहीं करते थे। लेकिन बदलते समय के अनुसार इस रूढ़ि में बदलाव होना आवश्यक था। यदि समय रहते इस रूढ़ि में परिवर्तन हो जाता तो तताँरा और वामीरो की दर्दनाक मृत्यु न होती। 

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए -

(क) जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसने शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।

आशय-लेखक इन पंक्तियों में तताँरा की मनोस्थिति को स्पष्ट कर रहे हैं। तताँरा-वामीरो को यह पता था कि उनके गाँव के रीति-रिवाजों के कारण उनका विवाह संभव नहीं है, फिर भी वे छिपकर मिलते रहते थे। यहाँ ऐसी ही एक घटना का वर्णन है। जब गाँव में आयोजित पशु-पर्व में तताँरा और वामीरो एक-दूसरे से छिपकर मिल रहे थे, तब वहाँ उन्हें वामीरो की माँ तथा गाँव के लोग देख लेते हैं। वे उन्हें भला-बुरा सुनाते हैं। वामीरो इस तरह का अपमान होते देखकर लगातार रोए जा रही थी। तताँरा को समझ नहीं आ रहा था कि वह इस स्थिति में क्या करे? अतः उसने अपने क्रोध को शांत करने के लिए अपनी लकड़ी की तलवार को निकाला और उसे पूरी शक्ति से धरती मंे गाड़ दिया और अपनी ओर खींचता हुआ द्वीप के आखिरी कोने तक पहुँच गया, जिसके कारण द्वीप के दो टुकड़े हो गए।

(ख) बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।

उत्तर -यहाँ पर लेखक ने उस घटना का वर्णन किया है, जब तताँरा वामीरो को देखता है और उससे अगले दिन उसी समुद्री चट्टान पर मिलने का आग्रह करता है। तताँरा दिन ढलने से बहुत पहले ही लपाती गाँव की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच जाता है और वामीरो के आने का बेसब्री से इंतज़ार करता है। वामीरो के इंतजार में उसे हर एक पल बहुत अधिक लंबा लग रहा था। जैसे-जैसे दिन ढलता जा रहा था, वैसे-वैसे उसके अंदर एक संदेह भी उत्पन्न हो रहा था कि हो सकता है वामीरो आए ही नहीं। पर उसके पास प्रतीक्षा करने के अलावा और कोई चारा नहीं था। उसे वामीरो के आने की उम्मीद तभी तक लग रही थी, जब तक सूरज की किरणें चमक रही थीं। उसे पता था कि जैसे ही सूरज की आखिरी किरण भी समुद्र में डूब जाएगी, अर्थात् अँधेरा हो जाएगा, वैसे ही वामीरो के आने की उम्मीद भी समाप्त हो जाएगी। 



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Important tips for Hindi board exams

हिंदी  परीक्षा में लाने हैं अच्छे अंक,  तो अपनाएँ ये बातें  यहाँ इस लेख में दसवीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा-पूर्व की तैयारी से लेकर परीक्षा देने तक के बीच आने वाल प्रत्येक प्रश्नों एवं शंकाओं का संपूर्ण निवारण किया गया है। आइए, इन सलाह और टिप्स को अपनाएँ और बोर्ड की हिंदी परीक्षा में अच्छे अंक लाएँ। हिंदी परीक्षा से संबंधित प्रश्न, जो परीक्षार्थियों के मन में अकसर उठते हैं - हिंदी परीक्षा और हिंदी प्रश्न-पत्रों को लेकर परीक्षार्थियों के मन में अकसर कुछ प्रश्न उमड़ते रहते हैं, तो हम यहाँ उनके प्रश्नों का समाधान करने का प्रयत्न कर रहे हैं। यदि इन प्रश्नों के अलावा भी किसी अन्य प्रश्न का उत्तर जानने की इच्छा हो तो आप कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। तो आइए, देखते हैं कि वे प्रश्न कौन-से हैं? प्रश्न 1-क्या पुनरावृति अभ्यास करते समय उत्तरों को लिखकर देखना आवश्यक है: जी हाँ, आपको चाहिए कि किसी भी अच्छे मॉडल पेपर या अभ्यास प्रश्न पत्र में से किन्हीं पाँच प्रश्नपत्रों को पूरा लिखकर हल करें, क्योंकि कई बार लिखने का अभ्यास कम होने से प्रश्न-पत्र छूटने की संभावना

Bade bhai sahab (questions & answers)बडे़ भाईसाहब (पाठ-1, गद्य भाग)

  मौखिक निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- प्रश्न 1.  कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी? उत्तर-हमारी दृष्टि में पाठ के कथा नायक लेखक यानी कहानी लिखने वाले छोटे भाई हैं। छोटे भाई की रुचि खेल-कूद में थी। उन्हें पढ़ने से अधिक पसंद था-मैदान की सुखद हरियाली, फुटबॉल एवं बॉलीबॉल खेलना, पतंगबाज़ी करना, गुल्ली-डंडा खेलना, कागज की तितलियाँ उड़ाना, चारदीवारी पर चढ़कर नीचे कूदना, कंकरियाँ उछालना तथा फाटक पर सवार होकर उसे मोटर-कार की तरह आगे-पीछे चलाना। प्रश्न 2.  बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय पहला सवाल क्या पूछते थे? उत्तर-छोटा भाई जब भी खेल-कूद में समय बरबाद करके आता, तो बड़े भाई उससे हमेशा एक ही सवाल पूछते थे-कहाँ थे? यह सवाल हमेशा एक ही लहज़े में पूछा जाता था। उसके बाद उनकी उपदेश-माला प्रारंभ हो जाती थी।  प्रश्न 3.  दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया? उत्तर-दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई को अपने ऊपर अभिमान हो गया। वह स्वच्छंद और घमंडी हो गया। उसे लगनेे लगा कि उसकी तकदीर बलवान है, अतः वह पढ़े या न पढ़े, वह पास हो ही जाएगा। वह बड़े भाई की सहनशीलता का अ

हरिहर काका (संचयन) questions answers of Harihar Kaka

 हरिहर काका  प्रश्नोत्तर  प्रश्न 1-कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है इसके क्या कारण हैं? उत्तर-कथावाचक और हरिहर के बीच मधुर, आत्मीय और गहरे संबंध हैं। इसके कई कारण हैं-पहला हरिहर काका कथावाचक के पड़ोसी थे। दूसरा हरिहर काका ने कथावाचक को बहुत प्यार-दुलार दिया था। हरिहर काका उसे बचपन में अपने कंधे पर बिठाकर गाँव भर में घुमाया करते थे। हरिहर काका के कोई संतान नहीं थी, इसलिए वे कथावाचक को एक पिता की तरह प्यार और दुलार करते थे। जब लेखक बड़ा हुआ, तो उसकी पहली मित्रता हरिहर काका के साथ हुई थी। वे उससे कुछ नहीं छिपातेे थे। इन्हीं कारणों से उन दोनों के बीच उम्र का अंतर होते हुए भी गहरा आत्मीयपूर्ण संबंध था।  प्रश्न 2-हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?  उत्तर-हरिहर काका एक निःसंतान व्यक्ति थे। उनके हिस्से में पंद्रह बीघे उपजाऊ ज़मीन थी। महंत और उनके भाई दोनों का उद्देश्य हरिहर काका की इसी उपजाऊ ज़मीन को अपने कब्जे में करना था। अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए दोनों ने काका को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फँसाना शुरू कर दिया। काका के भाई भी उनकी देखभाल ज़मीन के लिए