कारतूस
प्रश्नोत्तर
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
प्रश्न 1.कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?
उत्तर-कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में वजीर अली की गिरफ्तारी के लिए लगा हुआ था। कर्नल कालिंज को यह लग रहा था कि वजीर अली अवश्य ही जंगल में कहीं-न-कहीं छिपा होगा। बरसों से वह कर्नल की ं फौज की आँखों में धूल झोंक रहा था। यद्यपि वह इन्हीं जंगलों में घूम रहा था।
प्रश्न 2. वजीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे?
उत्तर-सिपाही वजीर अली से इसलिए तंग आ चुके थे, क्योंकि उन्होंने वजीर अली को गिरफ्तार करने के लिए हफ्तों से जंगल में डेरा डाल रखा था, परंतु लाख कोशिशों के बावजूद भी वजीर अली पकड़ा नहीं जा सका था। अतः सिपाही अपने परिवार से दूर जंगल की खतरनाक स्थिति में रहते-रहते परेशान हो चुके थे।
प्रश्न 3 कर्नल ने सवार पर नजर रखने के लिए क्यों कहा?
उत्तर-कर्नल ने लेफ्टीनेंट को सवार पर नज़र रखने के लिए इसलिए कहा, ताकि वह यह देख सके कि सवार किस दिशा की तरफ जा रहा है और उसकी गतिविधियों की जाँच हो सके। यदि सवार उन्हीं की तरफ़ आ रहा है, तो वे पहले से ही सावधान हो जाएँ।
प्रश्न 4. सवार ने क्यों कहा कि वजीर अली की गिरफ्तारी बहुत मुश्किल है?
उत्तर-सवार ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सवार स्वयं वजीर अली था। वह एक जाँबाज सिपाही था, जिसे अंग्रेज अधिकारी साधारण सवार समझ रहे थे। कर्नल के साथ पूरी फौज थी, फिर भी सवार ने उससे ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि सवार यानी वजीर अली को अपनी बहादुरी पर पूर्ण विश्वास था। उसे पता था कि जैसे वह अब तक अंग्रेज सरकार की आँखों में धूल झोंककर बचता रहा है, वैसे ही आगे भी वह अपने आत्मविश्वास और साहस से उनके हाथों पकड़े जाने से बच जाएगा।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1. वजीर अली के अफसाने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?
उत्तर-वजीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिन हुड की याद इसलिए आ जाती थी, क्योंकि वजीर अली भी रॉबिन हुड की तरह एक बहादुर व्यक्ति था। कर्नल और उनके सिपाहियों को जंगल में डेरा डाले हफ़्तों हो गए थे, फिर भी वजीर अली भूत की तरह हाथ ही नहीं लगता था। इसी प्रकार अंग्रेज़ी उपन्यासों का नायक रॉबिन हुड भी बहादुर था और वज़ीर अली की तरह ही जंगलों में घूमता रहता था, पर किसी के भी हाथ नहीं लगता था।
प्रश्न 2. सआदत अली कौन था? उसने वजीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?
उत्तर-सआदत अली अवध के नवाब आसिफउद्दौला का भाई और वजीर अली का चाचा था। आसिफुद्दौला को जब तक संतान न थी, तब तक सआदत अली के अवध का नवाब बनने की पूरी संभावना थी, लेकिन वजीर अली के पैदा होते ही उसका तख्त पर बैठने का सपना टूट गया। उसे अपनी नवाबी खतरे में लगने लगी। अतः उसने वजीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा।
प्रश्न 3. सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था?
उत्तर-सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का विशेष मकसद था। दोस्त होने के कारण उसे उस पर पूर्ण विश्वास था कि स्वयं तो वह ऐशो-आराम का जीवन बिताएगा ही, साथ ही उन्हें भी अर्थात् कर्नल को भी दौलत तथा संपत्ति देकर मालामाल कर देगा और उनकी जरूरतों के अनुसार हर तरह की मदद करेगा। हुआ भी यही, तख्त पर बैठते ही सआदत अली ने अंग्रेज़ों को दस लाख रुपये नगद तथा आधी दौलत इनाम में दे दी। अब सआदत अली और अंग्रेज सरकार दोनों ही मज़े कर रहे हैं।
प्रश्न 4. कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफाजत कैसे की?
उत्तर-वजीर अली को उसके पद से हटाने के बाद अंग्रेजों ने उसे बनारस भेज दिया और तीन लाख रुपया सालाना वजीफा तय कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वजीर अली को कलकत्ता बुलाया। वजीर अली इस बुलावे से चिढ़कर कंपनी के वकील के पास गया जो बनारस में ही रहता था। वकील ने वजीर अली की शिकायत की कोई परवाह नहीं की, उलटा उसे ही बुरा-भला सुना दिया। वजीर अली को गुस्सा आ गया और उसने खंजर निकालकर वकील का कत्ल कर दिया। इसके बाद वजीर अली अपने सैनिकों के साथ आजमगढ़ की ओर भाग गया। वहाँ के बादशाह ने उन लोगों को अपनी हिफाजत में घाघरा तक पहुँचा दिया। तब से वह गोरखपुर के जंगलों में छिपकर अपनी शक्ति बढ़ाने में जुटा हुआ है।
प्रश्न 5. सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया?
उत्तर-सवार के जाने के बाद कर्नल हक्का-बक्का इसलिए रह गया, क्योंकि जिस वजीर अली को पकड़ने के लिए वह जंगल में लाव-लश्कर के साथ लंबे समय से डेरा डाले हुए था, वही वजीर अली ऐसा वेश बदलकर आया कि कर्नल को उसके किसी भी हाव-भाव से नहीं पता चला कि वह वजीर अली है। इसके अतिरिक्त उसने बड़ी ही होशियारी से अपना परिचय देकर कर्नल से कारतूस लेकर उसकी जान भी बख्श दी और देखते-ही-देखते घोड़े पर सवार होकर चला गया। कर्नल केवल घोड़ों की टापों का शोर ही सुनता रह गया।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1. लेफ्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?
उत्तर-देश में अलग-अलग अनेक स्थानों पर राजा एवं नवाब कंपनी का विरोध कर रहे थे। जब लेफ्टीनेंट ने देखा कि वजीर अली, टीपू सुल्तान तथा बंगाल के नवाब शमसुद्दौला ने बाहरी देशों जैसे अफगानिस्तान के बादशाह शाहे-जमा को हिंदुस्तान पर हमला करने की दावत दे दी है, तो उसे ऐसा लगा कि कंपनी के खिलाफ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है अर्थात् हिंदुस्तान में चारों ओर से कंपनी के खिलाफ युद्ध की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं।
प्रश्न 2. वजीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया?
उत्तर-वजीर अली को उसके पद से हटाने के बाद अंग्रेजों ने उसे बनारस भिजवा दिया था और उसे तीन लाख रुपये सलाना वजीफ़ा देना तय किया था। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वजीर अली को कलकत्ता बुलवाया। वजीर अली वहाँ जाना नहीं चाहता था। कंपनी का वकील भी बनारस में रहता था। इसलिए वह गवर्नर की शिकायत लेकर कंपनी के वकील के पास गया। शिकायत पर ध्यान न देकर वकील ने वजीर अली को भला-बुरा सुना दिया। इससे वजीर अली के स्वाभिमान को गहरा धक्का लगा। दूसरा, वजीर अली वैसे भी अंग्रेजी सरकार से नफरत करता था। इन दोनों कारणों के जुड़ जाने से वजीर अली ने वकील का कत्ल कर दिया।
प्रश्न 3. सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?
उत्तर-सवार स्वयं वजीर अली था, उसने अपनी जाँबाजी और सूझ-बूझ से कर्नल के खेमे में घुसकर, उसकी जान बख्श कर कारतूस हासिल किए अर्थात् कर्नल और उसकी फौज से बिना डरे वजीर अली कर्नल के खेमे में अकेला ही चला गया और उसकी औकात दिखाने के लिए उसी से कारतूस हासिल कर लिए।
प्रश्न 4. वजीर अली एक जाँबाज सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-वजीर अली सचमुच एक जाँबाज सिपाही था। वह बहुत हिम्मती और साहसी था। उसे अपना लक्ष्य पाने के लिए जान की बाजी लगानी आती थी। जब उससे अवध की नवाबी ले ली गई तो उसने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष करना शुरू कर दिया। उसने गवर्नर जनरल के सामने पेश होने को अपना अपमान माना और पेश होने से साफ मना कर दिया। गुस्से में आकर उसने कंपनी के वकील की हत्या कर डाली। यह हत्या शेर की माँद में जाकर शेर को ललकारने जैसी थी। इसके बाद वह आजमगढ़ और गोरखपुर के जंगलों में भटकता रहा। वहाँ भी निडर होकर अंग्रेजों के कैंप में घुस गया था। उसे अपनी जान की भी परवाह नहीं थी। उसके जाँबाज सिपाही होने का परिचय उस घटना से मिलता है जब वह अंग्रेजों के कैंप में घुसकर कारतूस लेने में सफल हो जाता है तथा अपना सही परिचय भी प्रस्तुत कर देता है, तब कर्नल उसे देखता रह जाता है। इन घटनाओं से पता चलता है कि वह सचमुच जाँबाज आदमी था।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न 1. मुट्ठीभर आदमी और ये दमखम।
उत्तर-इसका आशय है कि वजीर अली के पास मुट्ठी भर आदमी थे, अर्थात् बहुत कम आदमियों की सहायता या साथ था, फिर भी इतनी शक्ति और दृढ़ता का परिचय देना कमाल की बात थी। सालों से जंगल में रहने पर भी स्वयं कर्नल, उनकी सेना का बड़ा समूह जो बहु-संख्या में युद्ध-सामग्री से लैस था, मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पाए थे। उसकी अदम्य शक्ति और दृढ़ता को जीत नहीं पाए थे। वह हर काम इतनी सावधानी तथा होशियारी से करता था कि मुट्ठी भर आदमियों ने ही कर्नल की इतनी बड़ी सेना की नाक में दम कर दिया था।
प्रश्न 2. गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफिला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नजर आता है।
उत्तर-यह कथन अंग्रेजों की फौज के लेफ्टीनेंट का है। वजीर अली अकेला ही पूरे काफिले के समान था। वह तूफान की तरह शक्तिशाली और गतिशील था। उसके घोड़े की टापों से उड़ने वाली धूल ऐसा आभास देती थी मानो पूरी फौज चली आ रही है। इस वाक्य से आने वाले सवार के कुशल घुड़सवार होने तथा उसकी बहादुरी एवं व्यक्तित्व की महानता की झलक मिलती है, जो अकेले होते हुए भी अकेला नहीं दिखता। यह सवार वजीर अली था, जिसका पता तब तक किसी को न चला, जब तक उसने स्वयं अपना परिचय नहीं दिया।
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