हिंदी परीक्षा में लाने हैं अच्छे अंक, तो अपनाएँ ये बातें
यहाँ इस लेख में दसवीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा-पूर्व की तैयारी से लेकर परीक्षा देने तक के बीच आने वाल प्रत्येक प्रश्नों एवं शंकाओं का संपूर्ण निवारण किया गया है। आइए, इन सलाह और टिप्स को अपनाएँ और बोर्ड की हिंदी परीक्षा में अच्छे अंक लाएँ।
हिंदी परीक्षा से संबंधित प्रश्न, जो परीक्षार्थियों के मन में अकसर उठते हैं -
हिंदी परीक्षा और हिंदी प्रश्न-पत्रों को लेकर परीक्षार्थियों के मन में अकसर कुछ प्रश्न उमड़ते रहते हैं, तो हम यहाँ उनके प्रश्नों का समाधान करने का प्रयत्न कर रहे हैं। यदि इन प्रश्नों के अलावा भी किसी अन्य प्रश्न का उत्तर जानने की इच्छा हो तो आप कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। तो आइए, देखते हैं कि वे प्रश्न कौन-से हैं?
प्रश्न 1-क्या पुनरावृति अभ्यास करते समय उत्तरों को लिखकर देखना आवश्यक है:
जी हाँ, आपको चाहिए कि किसी भी अच्छे मॉडल पेपर या अभ्यास प्रश्न पत्र में से किन्हीं पाँच प्रश्नपत्रों को पूरा लिखकर हल करें, क्योंकि कई बार लिखने का अभ्यास कम होने से प्रश्न-पत्र छूटने की संभावना रहती है। अगर आप घड़ी से लगाकर सही 3 घंटे में प्रश्न पत्र को हल करने का अभ्यास करते हैं तो इससे आपको समय का नियोजन करने में सहायता मिलेगी। आप यह समझ सकेंगे कि किस प्रश्न में कितना समय लगाना है। इससे एक तो आपके लेखन की गति बढ़ेगी, आपको अपनी गलतियाँ पता लगेंगी, दूसरा - समय पर प्रश्न पत्र हल करने में भी सहूलियत होगी। अतः मेरी सलाह है कि कम-से-कम पाँच प्रश्नपत्रों को सही 3 घंटे में लिखकर हल करने का अभ्यास अवश्य करें।
जी हाँ, आपको चाहिए कि किसी भी अच्छे मॉडल पेपर या अभ्यास प्रश्न पत्र में से किन्हीं पाँच प्रश्नपत्रों को पूरा लिखकर हल करें, क्योंकि कई बार लिखने का अभ्यास कम होने से प्रश्न-पत्र छूटने की संभावना रहती है। अगर आप घड़ी से लगाकर सही 3 घंटे में प्रश्न पत्र को हल करने का अभ्यास करते हैं तो इससे आपको समय का नियोजन करने में सहायता मिलेगी। आप यह समझ सकेंगे कि किस प्रश्न में कितना समय लगाना है। इससे एक तो आपके लेखन की गति बढ़ेगी, आपको अपनी गलतियाँ पता लगेंगी, दूसरा - समय पर प्रश्न पत्र हल करने में भी सहूलियत होगी। अतः मेरी सलाह है कि कम-से-कम पाँच प्रश्नपत्रों को सही 3 घंटे में लिखकर हल करने का अभ्यास अवश्य करें।
प्रश्न 2-कौन-सा खंड पहले करें:
आपके प्रश्न पत्र में 2 खंड दिए जाएँगे। पहला खंड बहुविकल्पी प्रश्नों पर आधारित होगा और दूसरे खंड में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे जाएँगे। आप कोई भी खंड पहले कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि जिस भी खंड को आप कर रहे हैं, उसके सभी प्रश्नों के उत्तर एक साथ देने का प्रयास करें।
वैसे मेरी सलाह यही है कि पहले आप बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दें तत्पश्चात द्वितीय खंड करें। क्योंकि कई बार वर्णनात्मक प्रश्नों के उत्तर लिखने में समय का ध्यान नहीं रहता और फिर बहु-वैकल्पिक प्रश्न छूट सकते हैं।
प्रश्न 3- बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर किस प्रकार लिखें: बहुविकल्पी प्रश्नों के उत्तर देते समय ध्यान रखें कि जब आप क, ख, ग, घ - इन चारों विकल्पों में से कोई एक विकल्प उत्तर के रूप में लिख रहे हैं तो उसके साथ दी गई पंक्ति, वाक्यांश आदि को भी लिखें। क्योंकि कई बार स्पष्ट न लिखने से समझ नहीं आता कि आपने विकल्प ख लिखा है या घ लिखा है। इससे पुस्तिका जाँचने में परीक्षक को भी समस्या उत्पन्न होती है और आपको भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
प्रश्न 4-क्या लेख और वर्तनी के नंबर कटते हैं:
जी हाँ, भले ही प्रत्यक्ष रूप में लेख के अंक न कटते हों, परंतु उत्तर पुस्तिका जाँचने वाले परीक्षक पर इसका सकारात्मक या नकारात्मक असर अवश्य पड़ता है। यदि आपका कार्य अशुद्धि रहित तथा स्पष्ट होगा तो निश्चित ही परीक्षक अंक नहीं काट सकेगा, लेकिन यदि आपके कार्य में वर्तनी संबंधी अनेक अशुद्धियाँ होंगी, तो वह नजरअंदाज नहीं कर पाएगा और इसका असर आपके अंकों पर भी अवश्य पड़ेगा। अतः आज से ही शुद्ध और स्पष्ट लेख लिखने का अभ्यास प्रारंभ कर दें।
प्रश्न 5-क्या पत्र और सूचना आदि में अपना नाम दे सकते हैं:
जी नहीं, उत्तर पुस्तिका के पीछे की तरफ एक निर्देश पुस्तिका होती है, उस निर्देश पुस्तिका में स्पष्ट लिखा होता है कि परीक्षार्थी उत्तर पुस्तिका में अपना नाम या विद्यालय का नाम अथवा किसी अन्य प्रकार से अपना परिचय न लिखें। अतः आपको भी चाहिए कि आप पत्र लेखन, सूचना या ई-मेल लेखन में अपना नाम देने से बचें। यदि प्रश्न पत्र में लेखन के अंतर्गत किसी प्रश्न में ही किसी नाम का उल्लेख है तो वही नाम आपको भी अपने पत्रादि में लिखना है। यदि प्रश्न पत्र में कोई भी नाम या पता नहीं दिया गया है तो आपको नाम और पता की जगह अ, ब, स या क, ख, ग आदि का प्रयोग करना होगा चाहिए।
प्रश्न 6-क्या प्रश्नपत्र में दी गई शब्द सीमा का ध्यान रखना आवश्यक है:
जी हाँ, प्रश्न पत्र में लगभग हर प्रश्न के लिए शब्द सीमा निर्धारित होती है और उसका वहाँ स्पष्ट उल्लेख भी होता है। अतः आपको चाहिए कि आपका उत्तर लगभग उसी शब्द सीमा में हो। इसके लिए आप पहले से ही अभ्यास करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि कौन-सा प्रश्न कितने शब्दों में पूछा जाएगा और उसी के अनुसार आप अभ्यास करें। इसके लिए आपको हर प्रश्न के शब्द गिनने में समय बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि परीक्षक आपके शब्दों को गिनने नहीं बैठेगा। बस, आप यह सुनिश्चित करें कि जो प्रश्न पूछा गया है, उसके सभी भागों के उत्तर आपने स्पष्ट रूप में दिए हैं या नहीं। क्योंकि आपके अंक आपके उत्तर की स्पष्टता पर अधिक निर्भर होते हैं। वैसे भी यदि आपने उत्तर को स्पष्ट रूप से समझाया है, तो आपके उत्तर की शब्द सीमा खुद-ब-खुद पूछे गए शब्द सीमा के आस-पास ही होगा। वैसे भी यदि आपने बहुत बड़ा उत्तर लिख दिया, लेकिन उसमें मुख्य चीज छूट गई तो आप को वहाँ अंक नहीं मिल पाएँगे। अतः प्रश्न को समझकर सही रूप में सटीक एवं स्पष्ट उत्तर देने का प्रयास करें, न कि प्रत्येक उत्तर के शब्दों को गिनने में समय बर्बाद करें।
परीक्षा कक्ष में ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें:-
जब आप परीक्षा देने के लिए परीक्षा कक्ष में बैठें और प्रश्न-पत्र आपके हाथों में हो तो घबराएँ नहीं, बल्कि निम्नलिखित निर्देशों का पालन करें -1-परीक्षा के दौरान शांत और केंद्रित (फोकस) रहें। गहरी साँसें लें। इससे आपको स्पष्ट रूप से सोचने और प्रश्नों का सही उत्तर देने में मदद मिलेगी।
2-प्रश्न-पत्र को ध्यान से पढ़ें। कई बार पूछा कुछ होता है और हड़बड़ी में आप उत्तर कुछ और लिख आते हैं।
3-प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए जो 15 मिनट मिलते हैं, उनका उपयोग सही प्रकार से करें। उस समय आप पूरे प्रश्न पत्र को ध्यान पूर्वक पढ़ें तथा उसी समय यह निर्धारित कर लें कि निबंधात्मक प्रश्नों, जैसे-अनुच्छेद, पत्र, सूचना आदि में दिए गए विकल्पों में से आपको किस विकल्प को चुनना है। साथ ही बहुविकल्पी प्रश्नों के सही विकल्पों को भी ध्यान में रखें, जिससे समय की बचत होगी।
4-प्रश्नों के उत्तर सही दूरी का ध्यान रखते हुए स्पष्ट रूप से लिखें, जिससे कोई भी प्रश्न जँचने से न रह जाए।
5-जो प्रश्न संख्या प्रश्न पत्र में दे रखी है, उसी प्रश्न संख्या को आप अपनी उत्तर पुस्तिका में अंकित करें। अपनी तरफ से किसी भी प्रश्न की संख्या में बदलाव न करें।
परीक्षा से पूर्व ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें:-
एक स्टडी शेड्यूल बनाएं:एक शेड्यूल बनाएँ, जिसमें पढ़ाई, अभ्यास और ब्रेक लेने का समय शामिल हो। प्रत्येक विषय के लिए पर्याप्त समय निर्धारित करें ।
पाठ्यक्रम को समझें:
पाठ्यक्रम और परीक्षा में शामिल विषयों को समझें। इससे आपको सबसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करने और अपने अध्ययन के समय को प्राथमिकता देने में मदद मिलेगी।
सही सामग्री से अध्ययन करें:
परीक्षा की तैयारी के लिए सही पाठ्य-पुस्तकों और अध्ययन सामग्री का उपयोग करें। पाठ्य-पुस्तक और अभ्यास प्रश्नपत्रों के नवीनतम संस्करण का उपयोग करना सुनिश्चित करें।
अभ्यास, अभ्यास, अभ्यास:
अभ्यास किसी भी परीक्षा में सफलता की कुंजी है। पिछले प्रश्नपत्रों, नमूना पत्रों और अभ्यास प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें। इससे आपको परीक्षा के पैटर्न को समझने और अपने समय प्रबंधन कौशल में सुधार करने में मदद मिलेगी।
परीक्षा के प्रारूप को समझें:
परीक्षा के प्रारूप, प्रश्नों की संख्या, आवंटित समय और अंकन योजना को समझें। यह आपको परीक्षा के लिए सर्वोत्तम संभव तरीके से तैयारी करने में मदद करेगा।
नियमित रूप से रिवीजन करें:
नियमित रूप से रिवीजन करें, सब कुछ आखिरी मिनट के लिए न छोड़ें। संशोधन (गलतियों या कमियों में सुधार) आपकी जानकारी को बेहतर बनाए रखने और परीक्षा में सफलता की संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
अच्छी नींद लें:
परीक्षा से पहले अच्छी नींद लें। यह आपको परीक्षा के दिन तरोताजा और केंद्रित (फोकस) रहने में मदद करेगा।
जरूरत पड़ने पर मदद लें:
यदि आप किसी विशेष विषय की कठिनाई से जूझ रहे हैं, तो मदद माँगने में संकोच न करें। मदद और समर्थन के लिए अपने शिक्षकों, दोस्तों या परिवार से संपर्क करें।
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