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दुख का अधिकार (पठित गद्यांश) for 1st Term

 दुख का अधिकार

पठित गद्यांश

कल जिसका बेटा चल बसा, आज वह बाज़ार में सौदा बेचने चली है, हाय रे पत्थर-दिल!
उस पुत्र-वियोगिनी के दुख का अंदाज़ा लगाने के लिए पिछले साल अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दुखी माता की बात सोचने लगा। वह संभ्रांत महिला पुत्र की मृत्यु के बाद अढ़ाई मास तक पलंग से उठ न सकी थी। उन्हें पंद्रह-पंद्रह मिनट बाद पुत्र-वियोग से मूर्छा आ जाती थी और मूर्छा न आने की अवस्था में आँखों से आँसू न रूक सकते थे। दो-दो डॉक्टर हरदम सिरहाने बैठे रहते थे। हरदम सिर पर बरफ़ रखी जाती थी। शहर भर के लोगों के मन उस पुत्र शोक से द्रवित हो उठे थे।

(क) पुत्र-वियोगिनी किसे कहा गया है?
1. जिसका पुत्र साँप के काटने के कारण मर गया था परंतु उस महिला को शोक मनाने का अवसर न मिला।
2. जिसका पुत्र साँप के काटने के कारण मर गया था परंतु उस महिला को शोक मनाने का अवसर मिला।
3. उस संभ्रांत महिला पुत्र की मृत्यु के बाद अढ़ाई मास तक पलंग से उठ न सकी थी।
4. इनमें से कोई नहीं 

(ख) दोनों महिलाओं के दुख में आपको क्या समानता नज़र आती है?
1. उन दोनों के दुख अलग-अलग थे
2. उन दोनों का दुख एक समान था
3. उन दोनों में एक का पुत्र व एक की पुत्री थी
4. इनमें से कोई नहीं

(ग) दोनों महिलाओं के दुख में आपको क्या असमानता नज़र आती है?
1. उन दोनों में एक का पुत्र व एक की पुत्री थी
2. उन दोनों को ही समाज के लोग पसंद नहीं करते थे
3. उन दोनों को ही अपने परिवार के लिए जल्द से जल्द धन एकत्र करना था
4. उनके दुख की अभिव्यक्ति के ढंग अलग-अलग थे

(घ) लेखक ने वृद्ध महिला (बुढ़िया) के दुख अंदाज़ा कैसे लगाया?
1. लेखक ने रोती बुढ़िया के दुख का अंदाजा अपने पड़ोस की संभ्रांत महिला को याद करके लगाया।
2. लेखक ने रोती बुढ़िया के दुख का अंदाजा अपनी माता को याद करके लगाया।
3. लेखक ने रोती बुढ़िया के दुख का अंदाज़ा अपने दुख को याद करके लगाया
4. सभी विकल्प सही हैं

(ङ) शहर भर के लोगों के मन किसके पुत्र शोक से द्रवित हो उठे थे?
1. बुढ़िया के 
2. संभ्रांत महिला के
3. उपर्युक्त दोनों के 
4. इनमें से कोई नहीं


उत्तर-क-1, ख-2, ग-4, घ-1 ङ-2


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