यहाँ कुछ रोचक और विचारोत्तेजक हिंदी डिबेट (वाद-विवाद) के टॉपिक दिए गए हैं जो विभिन्न कक्षाओं या प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त हो सकते हैं:-
शिक्षा संबंधी टॉपिक:
1. ऑनलाइन शिक्षा पारंपरिक शिक्षा से बेहतर है।
2. केवल अंक सफलता का मापदंड नहीं होने चाहिए।
3. मोबाइल फोन छात्रों के लिए वरदान है या अभिशाप?
4. क्या बोर्ड परीक्षाएं छात्रों पर अत्यधिक दबाव डालती हैं?
5. क्या मूल्य आधारित शिक्षा परीक्षा आधारित शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है?
6. शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।
7. क्या स्कूलों में अनुशासन जरूरी है?
8. केवल किताबी ज्ञान से व्यक्तित्व का विकास संभव नहीं है।
सामाजिक मुद्दे:
1. क्या सोशल मीडिया समाज को जोड़ रहा है?
2. नारी सशक्तिकरण – आवश्यकता या दिखावा?
3. एकल परिवार बनाम संयुक्त परिवार – कौन बेहतर?
4. बाल मजदूरी को जड़ से खत्म करना संभव है।
5. क्या युवाओं में नैतिक मूल्यों की कमी हो रही है?
6. नारी और पुरुष समान हैं – यह सिर्फ एक विचार नहीं, एक आवश्यकता है।
7. क्या आज का युवा सामाजिक जिम्मेदारियों से दूर हो रहा है?
8. क्या आज के समाज में बुजुर्गों का सम्मान कम हो रहा है?
9. वृद्धाश्रम के लिए वर्तमान शिक्षा प्रणाली जिम्मेदार है।
10. बढ़ते वृद्धाश्रमों के लिए वर्तमान एकल परिवार व्यवस्था जिम्मेदार है।
11. जीवन जीने के लिए मूल्यों से कहीं अधिक धन की आवश्यकता है।
12. नौकरी या आत्मनिर्भरता ही नारी को समाज में आत्मसम्मान दिला सकता है।
तकनीकी और आधुनिक विषय:
1. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानवता के लिए खतरा है।
2. विज्ञान – वरदान या अभिशाप?
3. क्या रोबोट इंसानों की जगह ले सकते हैं?
4. स्मार्टफोन – संचार का साधन या मानसिक तनाव?
5. सोशल मीडिया – अभिव्यक्ति का माध्यम या आभासी नशा?
6. क्या तकनीक ने इंसानों को अकेला कर दिया है?
7. मोबाइल – शिक्षा का सहायक या बाधक?
8. क्या इंटरनेट ज्ञान का सागर है या भ्रम का जाल
पर्यावरण और स्वास्थ्य:
1. प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित होना चाहिए।
2. प्लास्टिक प्रतिबंध व्यवहारिक है या नहीं?
3. क्या प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने से पर्यावरण संरक्षण संभव है?
4. क्या जलवायु परिवर्तन को रोका जा सकता है?
5. शाकाहारी बनाम मांसाहारी जीवनशैली – कौन बेहतर?
6. स्वच्छता का संबंध स्वास्थ्य से है।
7. क्या जल संकट मानव निर्मित समस्या है?
8. योग – मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
9. पर्यावरण संरक्षण में छात्रों की भूमिका अहम है।
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