सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कक्षा-सात मिठाईवाला

 मिठाईवाला

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1-मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?

उत्तर-

मिठाईवाला अलग-अलग चीजें इसलिए बेचता था, क्योंकि वह अधिक-से-अधिक बच्चों को प्रसन्न एवं संतुष्ट करना चाहता था। उसकी पत्नी एवं बच्चों की असमय मृत्यु हो गई थी। उसे इन बच्चों में ही अपने बच्चों की झलक दिखाई देती थी। जब ये बच्चे प्रसन्न होते थे, तो उसे लगता था जैसे इन बच्चों के रूप में उसके बच्चे भी प्रसन्न हो रहे हैं। इसीलिए वह हर बच्चे की फरमाइश पूरी करना चाहता था। वह जानता था कि यदि वह चीजें बदल-बदलकर नहीं लाएगा तो बच्चे एक जैसी चीजें देखकर बोर हो जाएँगे और उनकी उन चीजों को खरीदने में उत्सुकता नहीं रहेगी। 

वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि उसे पैसों का कोई लालच नहीं था। उसे तो बच्चों की खुशी से मतलब था। अतः वह पहले बच्चों की पसंद की चीजें बनवाता था, फिर उन्हें बेचने आता था।  


प्रश्न 2-मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?

उत्तर-

मिठाईवाला अपनी चीज़ों को बहुत ही मधुर स्वर में गा-गाकर बेचता था। हर बच्चे को उसकी पसंद का सामान देता था। वह बच्चों की फरमाइश पर झुँझलाता नहीं था, बल्कि मुसकराकर उनकी इच्छा पूरी करता था। उसका पहनावा भी आकर्षक था तथा वह अपनी चीज़ें सस्ते दामों में भी देता था। उसके इन गुणों के कारण बच्चे तो बच्चे बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे।


प्रश्न 3-विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?

उत्तर-

विजय बाबू एक ग्राहक थे। जब वह मोलभाव करते हैं तो मुरलीवाला कहता है कि आपको मैं मुरली कम दामों में लगा रहा हूँ। तब विजय बाबू अपने पक्ष के समर्थन में यह तर्क प्रस्तुत करते हैं कि फेरीवालों की झूठ बोलने की आदत होती है। तुम सभी को इसी दाम में देते होगे, पर मुझे सस्ता देने की बात कहकर मेरे ऊपर अहसान का बोझ लाद रहे हो।

मुरलीवाले एक विक्रेता था। वह अपने पक्ष के समर्थन में अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहता है कि ग्राहक को वस्तुओं की लागत का पता नहीं होता, चाहे दुकानदार कितना भी सस्ता सामान बेचे, भले ही वह अपना नुकसान उठाकर सामान बेचे, पर ग्राहक को यही लगता है कि दुकानदार उसे लूट रहा है।


प्रश्न 4-खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?

उत्तर-

खिलौने वाले के आने पर बच्चे उत्साहित होकर अपना सब काम छोड़कर उसके पास भागे चले आते थे। वे अपना खेलना तक भूल जाते थे। वे अपने-अपने घर से पैसे लाते थे और खिलौनेवाले कोे चारों ओर से घेर लेते थे। फिर वे अपनी-अपनी फरमाइशें प्रारंभ कर देते थे। खिलौनेवाले से अपना मनचाहा खिलौना पाकर अत्यंत प्रसन्न एवं संतुष्ट हो जाते थे। 


प्रश्न 5-रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?

उत्तर-

रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि उसने खिलौनेवाले की आवाज़ सुन रखी थी। अतः यह आवाज़ उसे जानी-पहचानी लगी। खिलौनेवाला भी अपने खिलौने इसी तरह गा-गाकर बेचता था, जैसे मुरलीवाला मुरली बेच रहा था। 


प्रश्न 6-किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?

उत्तर-

रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था। उसने इन व्यवसायों को अपनाने का कारण बताते हुए कहा कि मैं भी अपने नगर का एक प्रतिष्ठित व्यापारी था। मेरे पास मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़े, नौकर-चाकर सभी कुछ था। स्त्री थी, छोटे-छोटे दो बच्चे थे। मेरा वह सोने का संसार था। मेरे पास सभी प्रकार के सुख-साधन थे। पर ईश्वर की लीला देखो, मेरी पत्नी तथा दोनों बच्चे मुझे छोड़कर ईश्वर के पास चले गए। अपनी दुख-दर्द भरी बातें बताते हुए वह भावुक हो गया।

उसने इन व्यवसायों को अपनाने का कारण बताते हुए कहा कि अब मैं इन बच्चों में ही अपने बच्चों की झलक ढूँढता हूँ। मुझे इन हँसते-कूदते, उछलते तथा इठलाते बच्चों में अपने बच्चों की झलक दिखाई देती है। इन वस्तुओं को जब बच्चे खरीदते हैं और प्रसन्न होते हैं तो उन बच्चों के चेहरे की खुशी देखकर मुझे असीम संतोष मिलता है।


प्रश्न 7-‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर-

मिठाईवाले के जीवन का रहस्य कोई नहीं जानता था लेकिन जब उसने रोहिणी के पूछने पर अपने जीवन की सारी गाथा रोहिणी एवं बच्चों की दादी को सुनाई तो उसे अपने बच्चों की याद आ गई और उसका मन भर आया। उसी समय रोहिणी के छोटे-छोटे बच्चे चुन्नू-मुन्नू आकर मिठाई माँगने लगते हैं। वह दोनों को मिठाई देता है। पर उन मिठाइयों के बदले जब रोहिणी पैसे देती है तो वह पैसे लेने से यह कहकर इंकार कर देता है कि “अब इस बार ये पैसे न लँगा।” उसकी इस बात से यह पता चलता है उसे उस समय चुन्नू-मुन्नू के रूप में अपने बच्चे ही दिखाई दिए और वह भावुक हो गया तथा उसने पैसे लेने से मना कर दिया। 




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Important tips for Hindi board exams

हिंदी  परीक्षा में लाने हैं अच्छे अंक,  तो अपनाएँ ये बातें  यहाँ इस लेख में दसवीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा-पूर्व की तैयारी से लेकर परीक्षा देने तक के बीच आने वाल प्रत्येक प्रश्नों एवं शंकाओं का संपूर्ण निवारण किया गया है। आइए, इन सलाह और टिप्स को अपनाएँ और बोर्ड की हिंदी परीक्षा में अच्छे अंक लाएँ। हिंदी परीक्षा से संबंधित प्रश्न, जो परीक्षार्थियों के मन में अकसर उठते हैं - हिंदी परीक्षा और हिंदी प्रश्न-पत्रों को लेकर परीक्षार्थियों के मन में अकसर कुछ प्रश्न उमड़ते रहते हैं, तो हम यहाँ उनके प्रश्नों का समाधान करने का प्रयत्न कर रहे हैं। यदि इन प्रश्नों के अलावा भी किसी अन्य प्रश्न का उत्तर जानने की इच्छा हो तो आप कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। तो आइए, देखते हैं कि वे प्रश्न कौन-से हैं? प्रश्न 1-क्या पुनरावृति अभ्यास करते समय उत्तरों को लिखकर देखना आवश्यक है: जी हाँ, आपको चाहिए कि किसी भी अच्छे मॉडल पेपर या अभ्यास प्रश्न पत्र में से किन्हीं पाँच प्रश्नपत्रों को पूरा लिखकर हल करें, क्योंकि कई बार लिखने का अभ्यास कम होने से प्रश्न-पत्र छूटने की संभावना

Bade bhai sahab (questions & answers)बडे़ भाईसाहब (पाठ-1, गद्य भाग)

  मौखिक निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- प्रश्न 1.  कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी? उत्तर-हमारी दृष्टि में पाठ के कथा नायक लेखक यानी कहानी लिखने वाले छोटे भाई हैं। छोटे भाई की रुचि खेल-कूद में थी। उन्हें पढ़ने से अधिक पसंद था-मैदान की सुखद हरियाली, फुटबॉल एवं बॉलीबॉल खेलना, पतंगबाज़ी करना, गुल्ली-डंडा खेलना, कागज की तितलियाँ उड़ाना, चारदीवारी पर चढ़कर नीचे कूदना, कंकरियाँ उछालना तथा फाटक पर सवार होकर उसे मोटर-कार की तरह आगे-पीछे चलाना। प्रश्न 2.  बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय पहला सवाल क्या पूछते थे? उत्तर-छोटा भाई जब भी खेल-कूद में समय बरबाद करके आता, तो बड़े भाई उससे हमेशा एक ही सवाल पूछते थे-कहाँ थे? यह सवाल हमेशा एक ही लहज़े में पूछा जाता था। उसके बाद उनकी उपदेश-माला प्रारंभ हो जाती थी।  प्रश्न 3.  दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया? उत्तर-दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई को अपने ऊपर अभिमान हो गया। वह स्वच्छंद और घमंडी हो गया। उसे लगनेे लगा कि उसकी तकदीर बलवान है, अतः वह पढ़े या न पढ़े, वह पास हो ही जाएगा। वह बड़े भाई की सहनशीलता का अ

हरिहर काका (संचयन) questions answers of Harihar Kaka

 हरिहर काका  प्रश्नोत्तर  प्रश्न 1-कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है इसके क्या कारण हैं? उत्तर-कथावाचक और हरिहर के बीच मधुर, आत्मीय और गहरे संबंध हैं। इसके कई कारण हैं-पहला हरिहर काका कथावाचक के पड़ोसी थे। दूसरा हरिहर काका ने कथावाचक को बहुत प्यार-दुलार दिया था। हरिहर काका उसे बचपन में अपने कंधे पर बिठाकर गाँव भर में घुमाया करते थे। हरिहर काका के कोई संतान नहीं थी, इसलिए वे कथावाचक को एक पिता की तरह प्यार और दुलार करते थे। जब लेखक बड़ा हुआ, तो उसकी पहली मित्रता हरिहर काका के साथ हुई थी। वे उससे कुछ नहीं छिपातेे थे। इन्हीं कारणों से उन दोनों के बीच उम्र का अंतर होते हुए भी गहरा आत्मीयपूर्ण संबंध था।  प्रश्न 2-हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?  उत्तर-हरिहर काका एक निःसंतान व्यक्ति थे। उनके हिस्से में पंद्रह बीघे उपजाऊ ज़मीन थी। महंत और उनके भाई दोनों का उद्देश्य हरिहर काका की इसी उपजाऊ ज़मीन को अपने कब्जे में करना था। अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए दोनों ने काका को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फँसाना शुरू कर दिया। काका के भाई भी उनकी देखभाल ज़मीन के लिए