यहाँ कुछ रोचक और विचारोत्तेजक हिंदी डिबेट (वाद-विवाद) के टॉपिक दिए गए हैं जो विभिन्न कक्षाओं या प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त हो सकते हैं:- शिक्षा संबंधी टॉपिक: 1. ऑनलाइन शिक्षा पारंपरिक शिक्षा से बेहतर है। 2. केवल अंक सफलता का मापदंड नहीं होने चाहिए। 3. मोबाइल फोन छात्रों के लिए वरदान है या अभिशाप? 4. क्या बोर्ड परीक्षाएं छात्रों पर अत्यधिक दबाव डालती हैं? 5. क्या मूल्य आधारित शिक्षा परीक्षा आधारित शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है? 6. शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए। 7. क्या स्कूलों में अनुशासन जरूरी है? 8. केवल किताबी ज्ञान से व्यक्तित्व का विकास संभव नहीं है। सामाजिक मुद्दे: 1. क्या सोशल मीडिया समाज को जोड़ रहा है? 2. नारी सशक्तिकरण – आवश्यकता या दिखावा? 3. एकल परिवार बनाम संयुक्त परिवार – कौन बेहतर? 4. बाल मजदूरी को जड़ से खत्म करना संभव है। 5. क्या युवाओं में नैतिक मूल्यों की कमी हो रही है? 6. नारी और पुरुष समान हैं – यह सिर्फ एक विचार नहीं, एक आवश्यकता है। 7. क्या आज का युवा सामाजिक जिम्मेदारियों से दूर हो रहा है? 8. क्या आज के समाज में बुजुर्गों का सम्मान कम हो रहा है? 9. वृद्धा...
रचना की दृष्टि से शब्दों के तीन भेद होते हैं — 1-रूढ़ 2-यौगिक 3-योगरूढ़ 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 रूढ़ शब्द वे होते हैं, जिनके टुकड़े करने पर उनके अर्थ नहीं निकलते। जैसे — हाथी, फूल, कक्षा आदि। 🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️ यौगिक शब्द दो सार्थक शब्दों के योग से बनते हैं, जैसे — प्रधानमंत्री, राजपुत्र, रसोईघर आदि। 💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥 योगरूढ़ वे शब्द होते हैं, जो यौगिक की तरह दो शब्दों से बनते हैं, परंतु वे किसी खास अर्थ के लिए रूढ़ हो गये होते हैं, जैसे — पंकज। यह दो शब्दों से बना है -पंक (कीचड़) ज (जन्म लेने वाला)। कीचड़ में भले ही कितनी भी वस्तुएँ जन्म लेती हों, परंतु 'पंकज' शब्द 'कमल' के लिए रूढ़ हो चुका है। योगरूढ़ के अन्य उदाहरण हैं -नीलकंठ (शिवजी), लंबोदर (भगवान गणेश) इत्यादि।