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रूढ़, यौगिक, योगरूढ़ शब्द रचना

रचना की दृष्टि से शब्दों के तीन भेद होते हैं — 1-रूढ़ 2-यौगिक 3-योगरूढ़        🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 रूढ़ शब्द वे होते हैं, जिनके टुकड़े करने पर उनके अर्थ नहीं निकलते। जैसे — हाथी, फूल, कक्षा आदि। 🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️ यौगिक शब्द दो सार्थक शब्दों के योग से बनते हैं, जैसे — प्रधानमंत्री, राजपुत्र, रसोईघर आदि। 💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥 योगरूढ़ वे शब्द होते हैं, जो यौगिक की तरह दो शब्दों से बनते हैं, परंतु वे किसी खास अर्थ के लिए रूढ़ हो गये होते हैं, जैसे — पंकज। यह दो शब्दों से बना है -पंक (कीचड़) ज (जन्म लेने वाला)। कीचड़ में भले ही कितनी भी वस्तुएँ जन्म लेती हों, परंतु 'पंकज' शब्द 'कमल' के लिए रूढ़ हो चुका है। योगरूढ़ के अन्य उदाहरण हैं -नीलकंठ (शिवजी), लंबोदर (भगवान गणेश) इत्यादि।
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LISTENING SKILL श्रवण कौशल : अर्थ, महत्त्व, उदाहरण

  श्रवण कौशल सुनने का कौशल (Listening Skills)  सुनने का कौशल क्या है? ( अर्थ)  सुनने का कौशल (Listening Skills) वह क्षमता है जिससे हम ध्यानपूर्वक और प्रभावी तरीके से दूसरों की बातों को समझते, उनका विश्लेषण करते और उपयुक्त प्रतिक्रिया देते हैं। यह केवल कानों से सुनने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बोलने वाले की भावनाओं, हाव-भाव और शब्दों के पीछे छिपे अर्थ को भी समझना शामिल होता है। सुनने के कौशल का महत्त्व 1. बेहतर संचार (Better Communication) – अच्छी सुनने की क्षमता से बातचीत अधिक प्रभावी होती है और गलतफहमियां कम होती हैं। 2. अच्छे संबंध (Stronger Relationships) – परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ मजबूत संबंध बनाने में मदद करता है। 3. ज्ञान वृद्धि (Knowledge Enhancement) – नई चीजें सीखने और समझने में मदद करता है। 4. समस्या समाधान (Problem Solving) – जब हम दूसरों की बात ध्यान से सुनते हैं, तो हम समस्याओं का बेहतर समाधान निकाल सकते हैं। 5. कार्यस्थल पर सफलता (Success in Workplace) – एक अच्छा श्रोता होने से टीम वर्क और नेतृत्व क्षमता बेहतर होती है। 6. संवेदनशीलता और सह...

SOOCHNA LEKHAN (सूचना लेखन का प्रारूप और उदाहरण)

सूचना लेखन के टिप्स और उदाहरण सूचना लेखन (Notice Writing) एक औपचारिक लेखन शैली है जिसका उपयोग किसी महत्वपूर्ण सूचना, घटना, या घोषणा को संक्षेप और स्पष्ट रूप में व्यक्त करने के लिए किया जाता है। इसे आमतौर पर स्कूल, कार्यालय, संगठन या सामुदायिक बोर्ड पर लगाया जाता है। सूचना लेखन के महत्वपूर्ण टिप्स 1. शीर्षक: "सूचना" शब्द को शीर्षक के रूप में लिखें। यह बड़े अक्षरों में और साफ-सुथरे ढंग से लिखा जाना चाहिए। 2. प्रकाशन तिथि: सूचना लिखने की तारीख का उल्लेख करें। 3. विषय: सूचना का विषय संक्षेप और स्पष्ट हो। 4. भाषा और शैली: सरल, औपचारिक और व्यावहारिक भाषा का प्रयोग करें। सूचनात्मक भाषा में लिखें, बिना किसी अतिरिक्त जानकारी के। 5. पाठक: यह तय करें कि सूचना किसके लिए है (उदाहरण: छात्र, कर्मचारी, या समाज के सदस्य)। 6. मुख्य बिंदु: सूचना में केवल मुख्य जानकारी शामिल करें, जैसे: घटना का नाम, समय, तिथि, स्थान। आवश्यकता या विशेष निर्देश। 7. प्रेषक का नाम और हस्ताक्षर: अंत में सूचना जारी करने वाले का  हस्ताक्षर ,   नाम और पद अवश्य लिखें। सूचना लेखन का प्रारूप 1. शीर्षक (जैसे: सूचना)  2...

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