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जून, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कक्षा-सात मिठाईवाला

 मिठाईवाला प्रश्नोत्तर प्रश्न 1-मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था? उत्तर- मिठाईवाला अलग-अलग चीजें इसलिए बेचता था, क्योंकि वह अधिक-से-अधिक बच्चों को प्रसन्न एवं संतुष्ट करना चाहता था। उसकी पत्नी एवं बच्चों की असमय मृत्यु हो गई थी। उसे इन बच्चों में ही अपने बच्चों की झलक दिखाई देती थी। जब ये बच्चे प्रसन्न होते थे, तो उसे लगता था जैसे इन बच्चों के रूप में उसके बच्चे भी प्रसन्न हो रहे हैं। इसीलिए वह हर बच्चे की फरमाइश पूरी करना चाहता था। वह जानता था कि यदि वह चीजें बदल-बदलकर नहीं लाएगा तो बच्चे एक जैसी चीजें देखकर बोर हो जाएँगे और उनकी उन चीजों को खरीदने में उत्सुकता नहीं रहेगी।  वह महीनों बाद इसलिए आता था क्योंकि उसे पैसों का कोई लालच नहीं था। उसे तो बच्चों की खुशी से मतलब था। अतः वह पहले बच्चों की पसंद की चीजें बनवाता था, फिर उन्हें बेचने आता था।   प्रश्न 2-मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे? उत्तर- मिठाईवाला अपनी चीज़ों को बहुत ही मधुर स्वर में गा-गाकर बेचता था। हर बच्चे को उसकी पसंद का सामान देता

कक्षा-सात (शाम-एक किसान)

 शाम: एक किसान प्रश्नोत्तर कविता से प्रश्न 1-इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है-यह एक रूपक है। इसे बचाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफे में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफा’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर-सी हो। अब आप दूसरी, चैथी और पाँचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए। उत्तर- दूसरी एकरूपता-चिलम और सूरज में दिखाई है, जैसे-‘सूरज की चिलम खींचता’ चैथी एकरूपता-पलाश के जंगल एवं किसान की अँगीठी में दिखाई गई है, जैसे-‘पलाश के जंगल की अँगीठी’ पाँचवी एकरूपता-अंधकार एवं भेड़ों के समूह में दिखाई गई है, जैसे-‘भेड़ों के गल्ले सा अंधकार’। प्रश्न 2-शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए। (क) शाम कब से शुरू हुई ? (ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा? (ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए। उत्तर- शाम के समय घर की छत या खिड़की से देखने पर पता चला कि- (क) सूर्य जब पश्चिम में पहुँचा, तभी एकाएक संध्या की रंगत आकाश में दिखाई देने लगी।  (ख) शाम होने पर धीरे-