कठपुतली (प्रश्नोत्तर) प्रश्न 1-कठपुतली को गुस्सा क्यों आया? उत्तर-कठपुतली को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि वह धागे में बँधी हुई है। वह पराधीन है। वह दूसरों के इशारों पर चलने को मज़बूर है। इसलिए वह अपनी इस पराधीनता को गुस्से के द्वारा व्यक्त करती है। प्रश्न 2-कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती? उत्तर-कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह इसलिए खड़ी नहीं हो पाती, क्योंकि उसे धागों में बाँधा हुआ है। वह पुरुषों के इशारों पर चलने को मज़बूर है। उसके अन्दर स्वतंत्र होने की इच्छा तो है, पर अपने हक के लिए लड़ने की सामर्थ्य नहीं है और न ही अपने पैरों पर खड़े होने की शक्ति है। उसे यह भी डर लगता है कि कहीं उसके द्वारा उठाया गया कदम अन्य कठपुतलियों को कठिनाई में न डाल दे। प्रश्न 3-पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी? उत्तर-जब पहली कठपुतली ने बंधन-मुक्त होने की बात कही तो उसकी यह बात दूसरी कठपुतलियों को भी अच्छी लगी, क्योंकि वे भी पहली कठपुतली की तरह ही धागों से बँधी हुई थीं और सदियों से गुलामी का जीवन जी रही थीं। वे सब भी बंधन-