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मई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कक्षा-सात, कठपुतली

कठपुतली  (प्रश्नोत्तर) प्रश्न 1-कठपुतली को गुस्सा क्यों आया? उत्तर-कठपुतली को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि वह धागे में बँधी हुई है। वह पराधीन है। वह दूसरों के इशारों पर चलने को मज़बूर है। इसलिए वह अपनी इस पराधीनता को गुस्से के द्वारा व्यक्त करती है। प्रश्न 2-कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती? उत्तर-कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह इसलिए खड़ी नहीं हो पाती, क्योंकि उसे धागों में बाँधा हुआ है। वह पुरुषों के इशारों पर चलने को मज़बूर है। उसके अन्दर स्वतंत्र होने की इच्छा तो है, पर अपने हक के लिए लड़ने की सामर्थ्य नहीं है और न ही अपने पैरों पर खड़े होने की शक्ति है। उसे यह भी डर लगता है कि कहीं उसके द्वारा उठाया गया कदम अन्य कठपुतलियों को कठिनाई में न डाल दे। प्रश्न 3-पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी? उत्तर-जब पहली कठपुतली ने बंधन-मुक्त होने की बात कही तो उसकी यह बात दूसरी कठपुतलियों को भी अच्छी लगी, क्योंकि वे भी पहली कठपुतली की तरह ही धागों से बँधी हुई थीं और सदियों से गुलामी का जीवन जी रही थीं। वे सब भी बंधन-

कक्षा-सात, हिमालय की बेटियाँ

  हिमालय की बेटियाँ प्रश्नोत्तर  प्रश्न 1-नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं ? उत्तर-नदियों को हमारे यहाँ ‘माँ’ कहा गया है, जैसे हम गंगा को गंगा माँ कहते हैं। लेकिन लेखक नागार्जुन इन्हें माँ के साथ-साथ अन्य कई रूपों में भी देखते हैं। वे इन्हें हिमालय की बेटियों के रूप में देखते हैं, जो कि बूढ़े हिमालय की गोद में खेलती हैं। वे इन्हें प्रेयसी के रूप में देखते हैं, जो अपने प्रियतम सागर से मिलने के लिए बेचैन हैं। वे इन्हें बहन के रूप में भी देखते हैं, क्योंकि वे अपनी ममता बिखेरकर अपने शीतल जल से सभी की थकावट दूर करती हैं।  प्रश्न 2-सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं? उत्तर-सिंधु और ब्रह्मपुत्र की विशेषताएँ बताते हुए लेखक ने कहा है कि ये दोनों महानद हैं। यमुना, गंगा, सतलुज, व्यास आदि सभी नदियों का संगम इन्हीं नदियों में होता है। लेखक ने कहा है कि सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियाँ अपने आप में कुछ नहीं हैं, बल्कि दयालु हिमालय के शरीर पर जमा बर्फ की बूँदों के पिघलने से इनका निर्माण हुआ है। ये नदियाँ समुद्र की

कक्षा-9, दुख का अधिकार

  दुख का अधिकार निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- प्रश्न 1-किसी व्यक्ति की पोशाक को देखकर हमें क्या पता चलता है? उत्तर-किसी व्यक्ति की पोशाक देखकर हमें समाज में उसका दर्जा तथा उसके अधिकारों का पता चलता है। प्रश्न 2-खरबूजे बेचनेवाली स्त्री से कोई खरबूजे क्यों नहीं खरीद रहा था? उत्तर-खरबूजे बेचने वाली स्त्री से कोई खरबूजे इसलिए नहीं खरीद रहा था, क्योंकि इसके लिए लोगों को उससे मोल-भाव करना पड़ता, परंतु उससे कोई बात कैसे करता, क्योंकि वह तो अपने घुटनों में अपना मुँह छिपाए फफक-फफककर रो रही थी।  प्रश्न 3-उस स्त्री को देखकर लेखक को कैसा लगा? उत्तर-उस स्त्री को रोते देखकर लेखक को अत्यंत दुख हुआ। वह उस स्त्री के पास बैठकर उसके दुख का कारण जानना चाहता था, परंतु फुटपाथ पर उसके समीप बैठने में उसकी पोशाक बाधा बन रही थी।  प्रश्न 4-उस स्त्री के लड़के की मृत्यु का कारण क्या था? उत्तर-उस स्त्री का तेईस बरस का लड़का था। वह डेढ़ बीघा ज़मीन में कछियारी (खेती) करता था। वह खेत में उत्पन्न फल-सब्ज़ियों को बाज़ार में लाकर बेचता था। उस दिन भी वह मुँह अँधेरे उठकर खेत से पके खरबूजे तोड़ने गया था, प

कक्षा-8, भगवान के डाकिए

 भगवान के डाकिए प्रश्न 1-कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए। उत्तर-कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए बताया है, क्योंकि जिस तरह डाकिया मनुष्य के संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाता है, उसी प्रकार पक्षी और बादल भी भगवान के संदेशों को समस्त प्रकृति तक पहुँचाते हैं।   प्रश्न 2-पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए। उत्तर-पक्षी और बादल प्रकृति के अंग हैं। अतः उनके द्वारा लाई गई चिट्ठियों को प्रकृति के तत्व जैसे-पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, नदियाँ व पहाड़ आदि ही पढ़ पाते हैं। प्रश्न 3- किन पंक्तियों का भाव है- (क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं। (ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है। उत्तर-(क) पक्षी और बादल, ये भगवान के डाकिए हैं, जो एक महादेश से दूसरे महादेश को जाते हैं। हम तो समझ नहीं पाते हैं मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ बाँचते हैं। उत्तर-(ख) और एक देश का भाप दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है। प्रश